Falsafa Pyar Ka Tum Kya Jano

JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

फलसफा प्यार का तुम क्या जानो
फलसफा प्यार का तुम क्या जानो
तुमने कभी प्यार न किया
तुमने इंतज़ार न किया
फलसफा प्यार का तुम क्या जानो
फलसफा प्यार का तुम क्या जानो
तुमने कभी प्यार न किया
तुमने इंतज़ार न किया

खूबसूरत हो मगर प्यार के अंदाज़ नहीं
ये कमी है के तुम्हारा कोई हमराज़ नहीं
दिल में जब दर्द नहीं बात बनेगी कैसे
साज़ छेड़ा भी मगर प्यार की आवाज़ नहीं
फलसफा प्यार का तुम क्या जानो
फलसफा प्यार का तुम क्या जानो
तुमने कभी प्यार न किया
तुमने इंतज़ार न किया

कैसे समझाऊं ये नाज़ुक सा फ़साना तुमको
ये वो मंज़र है जो महसूस हुआ करता है
रहती दुनिया में वही रहता है मरकर जिंदा
प्यार के नाम पे जो जान दिया करते है
फलसफा फलसफा प्यार का तुम क्या जानो
फलसफा प्यार का तुम क्या जानो
तुमने कभी प्यार न किया
तुमने इंतज़ार न किया

प्यार शीरीं ने किया प्यार ही लैला ने किया
प्यार मीरा ने किया प्यार ही राधा ने किया
प्यार हर रंग में लोगों को सदा देता है
प्यार के परदे में हम सबका खुदा रहता है
फलसफा फलसफा प्यार का तुम क्या जानो
फलसफा प्यार का तुम क्या जानो
तुमने कभी प्यार न किया
तुमने इंतज़ार न किया

Wissenswertes über das Lied Falsafa Pyar Ka Tum Kya Jano von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Falsafa Pyar Ka Tum Kya Jano” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Falsafa Pyar Ka Tum Kya Jano” von Mohammed Rafi wurde von JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT komponiert.

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