Ghazab Kiya Tere Wadepe

KHAIYYAAM, KHAWAR ZAMAN

ग़ज़ब किया तेरे वादे पे एतबार किया
तमाम रात क़यामत का इंतज़ार किया, ग़ज़ब किया

हँसा हँसा के शब-ए-वस्ल अश्क-बार किया
तसल्लियाँ मुझे दे दे के बे-क़रार किया
ग़ज़ब किया तेरे वादे पे एतबार किया, ग़ज़ब किया
हम ऐसे महव-ए-नज़ारा न थे जो होश आता आ आ
मगर तुम्हारे तग़ाफ़ुल ने होशियार किया
ग़ज़ब किया तेरे वादे पे एतबार किया हो, ग़ज़ब किया

फ़साना-ए-शब-ए-ग़म उन को एक कहानी थी
कुछ एतबार किया कुछ ना एतबार किया
ग़ज़ब किया तेरे वादे पे एतबार किया, ग़ज़ब किया

Wissenswertes über das Lied Ghazab Kiya Tere Wadepe von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Ghazab Kiya Tere Wadepe” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Ghazab Kiya Tere Wadepe” von Mohammed Rafi wurde von KHAIYYAAM, KHAWAR ZAMAN komponiert.

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