Gol Gol Gol Gol

MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN

सोचने को लाख बाते सोचे इंसान
होगी वही पूरी जिसे चाहे भगवान
सोचने को लाख बाते सोचे इंसान
होगी वही पूरी जिसे चाहे भगवान

होनी के हाथ में तू एक खिलौना है
उसने जो सोच लिया बस वही होना है
होनी के हाथ में तू एक खिलौना है
उसने जो सोच लिया बस वही होना है
तुझको गिराये वोही और उठाये वही
बेबस तू है नादाँ
ओ ओ सोचने को लाख बाते सोचे इंसान
होगी वही पूरी जिसे चाहे भगवान
सोचने को लाख बाते सोचे इंसान
होगी वही पूरी जिसे चाहे भगवान

जो कुछ भी है सब उसका तमाशा है
आशा कही पे तो कही पे निराशा है
जो कुछ भी है सब उसका तमाशा है
आशा कही पे तो कही पे निराशा है
रखे अधूरे कभी कर भी दे पुरे कभी
जिसके वो चाहे अरमान
सोचने को लाख बाते सोचे इंसान
होगी वही पूरी जिसे चाहे भगवान
सोचने को लाख बाते सोचे इंसान
होगी वही पूरी जिसे चाहे भगवान

Wissenswertes über das Lied Gol Gol Gol Gol von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Gol Gol Gol Gol” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Gol Gol Gol Gol” von Mohammed Rafi wurde von MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN komponiert.

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