Gori Zulm Kare Zulf Ka

C Arjun, Jan Nishar Akhtar

हो गोरी ज़ुल्म करे
ज़ुलफ का बिखर जाना
हो गोरी ज़ुल्म करे
ज़ुलफ का बिखर जाना
हो बिखर जाना
हाए बिखर जाना
बिखर जाना हाए बिखर जाना
हो गोरी हो गोरी
हो गोरी ज़ुल्म करे
ज़ुलफ का बिखर जाना
हो गोरी ज़ुल्म करे
ज़ुलफ का बिखर जाना

अदा तेरी कमाल
मुखड़ा चाँद की मिसाल
चलती मोरनी की चाल
जाने क्यू ना दिल का हाल
बड़ुम थोड़ी देर ठहर जाना
ठहर जाना हाय ठहर जाना
ठहर जाना
हाय ठहर जाना
हो गोरी हो गोरी
हो गोरी ज़ुल्म करे
ज़ुलफ का बिखर जाना
हो गोरी ज़ुल्म करे
ज़ुलफ का बिखर जाना

यह दुपटा ज़लीदार
पहने मोतियो के हार
हल्का हल्का यह सिंगार
हाए किस तरहा ना प्यार
यह बाहर उसपे
यह तेरा सॉवॅर जाना
हो सॉवॅर जाना हाए सॉवॅर जाना
हो सॉवॅर जाना हाए सॉवॅर जाना
हो गोरी हो गोरी
हो गोरी ज़ुल्म करे
ज़ुलफ का बिखर जाना
हो गोरी ज़ुल्म करे
ज़ुलफ का बिखर जाना

आँख में हसी गुरूर
हुस्न के नसे में चूर
देखना यह दूर दूर
हमसे क्या हुआ कुसूर
हाए राम लेके
दिल तेरा मुकर जाना
हो मुकर जाना हाए मुकर जाना
मुकर जाना हाए मुकर जाना
हो गोरी हो गोरी
हो गोरी ज़ुल्म करे
ज़ुलफ का बिखर जाना
हो गोरी ज़ुल्म करे
ज़ुलफ का बिखर जाना

Wissenswertes über das Lied Gori Zulm Kare Zulf Ka von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Gori Zulm Kare Zulf Ka” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Gori Zulm Kare Zulf Ka” von Mohammed Rafi wurde von C Arjun, Jan Nishar Akhtar komponiert.

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