Hai Bahar - E - Bagh Duniya Chand Roz

Ravi, Rajinder Krishnan

है बहारे ए बाग़ दुनिया
चाँद रोज चाँद रोज
है बहारे बाग़ दुनिया चाँद रोज
देख लो इसका तमाशा
चाँद रोज चाँद रोज

है बहारे ए बाग़ दुनिया
चाँद रोज चाँद रोज
है बहारे ए बाग़
दुनिया चंद रोज

लाख दारा और सिकंदर
हो गए आज बोलो वह
कहा सब खो गए
आयी हिचकी मौत की और सो गए
आयी हिचकी मौत की और सो गए
हर किसीका है बसेरा
चाँद रोज चाँद रोज

है बहारे बाग़ दुनिया
चाँद रोज चाँद रोज
है बहारे ए बाग़
दुनिया चाँद रोज

कल तलक रंगीन बहारें थी जहां
आज कब रोके वहाँ देखे निशाँ
रंग बदले हर घडी यह आस्मा
रंग बदले हर घडी यह आस्मा
एशो गम जो कुछ भी
देखा चाँद रोज चाँद रोज

है बहारे बाग़ दुनिया
चाँद रोज

क्या मिलेगा दिल किसीका तोड़के ले
दुवा टूटे दिलों को जोडके
जा मगर कुछ
याद अपनी छोडके
जा मगर कुछ
याद अपनी छोडके
हो तेरा दुनिया में चर्चा
चाँद रोज चाँद रोज

है बहारे बाग़ दुनिया
चाँद रोज चाँद रोज
देख लो इसका तमाशा
चंद रोज चंद रोज
है बहारे बाग़ दुनिया चंद रोज

Wissenswertes über das Lied Hai Bahar - E - Bagh Duniya Chand Roz von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Hai Bahar - E - Bagh Duniya Chand Roz” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Hai Bahar - E - Bagh Duniya Chand Roz” von Mohammed Rafi wurde von Ravi, Rajinder Krishnan komponiert.

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