Ham Aapki Mehfil Mein Bhoole Se

Shailendra

हम आपकी महफ़िल में
हम आपकी महफ़िल में भूले से चले आए
हम आपकी महफ़िल में भूले से चले आए
हो माफ़ ख़ता अपनी गर्दिश के हैं बहकाए
हम आपकी महफ़िल में

कभी देखा था इक सपना उन्हें समझे थे हम अपना
पराए हो गए हैं वो बिछड़ कर खो गए हैं वो
अजब सा वो ज़माना था वो धोखा भी सुहाना था
मगर अब याद क्या कीजो भला फ़रियाद क्या कीजो
हम आपकी महफ़िल में भूले से चले आए
हम आपकी महफ़िल में

वफ़ा का दम जो भरते थे
मोहब्बत पे जो मरते थे
वो हर वादा भुला बैठे
नयी महफ़िल में जा बैठे
हमीं ने भूल की होगी
हमीं में कुच्छ कमी होगी
जो वो आँखें चुराते हैं
हमारा दिल जलाते हैं
हम आपकी महफ़िल में भूले से चले आए
हम आपकी महफ़िल में

गिला करने से क्या हासिल नहीं चाहत के मैं क़ाबिल
समझना मैं था दीवाना भुला देना ये अफ़साना
ना अब तुमको सताऊँगा इधर मुड़कर ना आऊँगा
मैं कर के दिल के सौ टुकड़े बिछा जाता हूँ इस दर पे
हम आपकी महफ़िल में भूले से चले आए
हम आपकी महफ़िल में भूले से चले आए
हो माफ़ ख़ता अपनी गर्दिश के हैं बहकाए
हम आपकी महफ़िल में

Wissenswertes über das Lied Ham Aapki Mehfil Mein Bhoole Se von Mohammed Rafi

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Das Lied “Ham Aapki Mehfil Mein Bhoole Se” von Mohammed Rafi wurde von Shailendra komponiert.

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