He Bad Ke Farishto Se Bhi Insan

Madan Mohan Kohli, Raja Mehdi Ali Khan

का दिया जल नहीं सकता
जो बच के यहाँ पहोचा है
अंजाम तेरे ही हाथो मे हे (ए उस्ताद)
खुद को जरा पहचान
तू खुद को जरा पहचान
है बढ़के फ़रिश्तो से भी
इंसान तेरी शान
खुद को जरा पहचान
तू खुद को जरा पहचान

माथे से सिया दाग
गुनाहों के मिटा दे
गुनाहों के मिटा दे
नेकी के दिए गम के
अँधेरे में जला दे
अँधेरे में जला दे
दो दिन की ख़ुशी के लिए
तू बेच न ईमान
तू बेच न ईमान
है बढ़के फ़रिश्तो से भी
इंसान तेरी शान
खुद को जरा पहचान
तू खुद को जरा पहचान

जन्नत न पिरौना न याजी
नादिदो के लिए है
जन्नत न पिरौना न याजी
नादिदो के लिए है
अल्लाह का ये घर तो
शाहिदो के लिए है
है वक़्त सँभालने का
संभल जा अरे नादाँ
संभल जा अरे नादाँ
है बढ़के फ़रिश्तो से भी
इंसान तेरी शान
खुद को जरा पहचान
तू खुद को जरा पहचान

क्या तेरी दुआओं से फलक हिल नहीं सकता
फलक हिल नहीं सकता
इस दर से तू चाहे तो क्या मिल नहीं सकता
तो क्या मिल नहीं सकता
रुक जायेगा नेकी से बुराई का ये तूफान
बुराई का वे तूफान
है बढके फ़रिस्तो से भी इंसान तेरी शान
खुद जो जरा पहचान तू खुद को जरा पहचान
है बढ़के फ़रिश्तो से भी
इंसान तेरी शान
खुद को जरा पहचान
तू खुद को जरा पहचान

Wissenswertes über das Lied He Bad Ke Farishto Se Bhi Insan von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “He Bad Ke Farishto Se Bhi Insan” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “He Bad Ke Farishto Se Bhi Insan” von Mohammed Rafi wurde von Madan Mohan Kohli, Raja Mehdi Ali Khan komponiert.

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