Hum Donon Kabutar Hote Agar

Azmi Kaifi, Iqbal Qureshi

हम दोनों कबूतर होते अगर
एक साथ हवा में उड़ते फिरते
हम दोनों कबूतर होते अगर
एक साथ हवा में उड़ते फिरते हम
होजी कबूतर हाजी हाजी कबूतर
होजी कबूतर हाजी हाजी कबूतर
होजी कबूतर हा
हम दोनों कबूतर होते अगर
एक साथ हवा में उड़ते फिरते
हम दोनों कबूतर होते अगर

दुश्मन की मुंडेरों पे अक्सर
तू उड़ के न बैठा करती अगर
तू उड़ के न बैठा करती अगर
क्यों फस्ती जाल में दुश्मन के
क्यों फस्ती जाल में दुश्मन के
क्यों तेरे पर कतरते कतरते
हम दोनों कबूतर होते अगर
एक साथ हवा में उड़ते फिरते हम
दोनों कबूतर होते अगर

मेरे दिल के छज्जे पर
एक रोज़ तू आकर बैठ जरा
एक रोज़ तू आकर बैठ जरा
मत दूर से मुझको चोच दिखा
मत दूर से मुझको चोच दिखा
कहता हु मै तुझसे डरते डरते
हम दोनों कबूतर होते अगर
एक साथ हवा में उड़ते फिरते हम
दोनों कबूतर होते अगर
एक साथ हवा में उड़ते फिरते हम
होजी कबूतर हाजी हाजी कबूतर

Wissenswertes über das Lied Hum Donon Kabutar Hote Agar von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Hum Donon Kabutar Hote Agar” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Hum Donon Kabutar Hote Agar” von Mohammed Rafi wurde von Azmi Kaifi, Iqbal Qureshi komponiert.

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