Jab Jab Bahar Aayee

ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

जब जब बहार आई
और फूल मुस्कुराये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये
जब जब बहार आई
और फूल मुस्कुराये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये
जब जब भी चाँद निकला
और तारे जगमगाये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये

हो ओ ओ आ आ
हम्म म्म म्म म्म म्म
अपना कोई तराना
मैंने नहीं बनाया
अपना कोई तराना
मैंने नहीं बनाया
तुमने मेरे लबों पे
हर एक सुर सजाया
हो ओ ओ आ आ
ओ जब जब मेरे तराने
दुनिया ने गुनगुनाये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये

एक प्यार और वफ़ा
की तस्वीर मानता हु
एक प्यार और वफ़ा
की तस्वीर मानता हु
तस्वीर क्या तुम्हे
तक़दीर मानता हु
ओ देखि नजर ने
खुशिया या
देखे ग़म के साये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये

मुमकिन है ज़िंदगानी
कर जाये बेवफाई
मुमकिन है ज़िंदगानी
कर जाये बेवफाई
लेकिन ये प्यार वो
है जिसमे नहीं जुदाई
इस प्यार के फ़साने
जब जब जुबां पे आये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये
जब जब बहार आये
और फूल मुस्कुराये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये

Wissenswertes über das Lied Jab Jab Bahar Aayee von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Jab Jab Bahar Aayee” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Jab Jab Bahar Aayee” von Mohammed Rafi wurde von ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA komponiert.

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