Jahan Jayenge Diwane Wohi Mehfil

S. H. Bihari

चलो माना के महफ़िल मे
हमे गाना नही आता
मगर ये बात क्या कम है
के शरमाना नही आता
जहाँ जाएँगे दीवाने
वही महफ़िल जमा लेंगे
जहाँ जाएँगे दीवाने
वही महफ़िल जमा लेंगे
जिसे चाहेंगे मस्ताने
उसे अपना बना लेंगे
जहाँ जाएँगे दीवाने
वही महफ़िल जमा लेंगे

कोई झुक कर मिले हमसे
तो हम सजदे करे उसको
कोई झुक कर मिले हमसे
तो हम सजदे करे उसको
अगर वो जान भी माँगे
तो अपनी जान दे उसको
अगर वो जान भी माँगे
तो अपनी जान दे उसको
अगर आकड़े कोई हमसे तो
कदमो मे झुका लेंगे
अगर आकड़े कोई हमसे तो
कदमो मे झुका लेंगे
जिसे चाहेंगे मस्ताने
उसे अपना बना लेंगे
जहाँ जाएँगे दीवाने
वही महफ़िल जमा लेंगे

अगर वो मुस्कुरड़े
छ्चोड़ दे गुस्सा ये नाराजई
अगर वो मुस्कुरड़े
छ्चोड़ दे गुस्सा ये नाराजई
खुशी से हार जाएगने
ये हम जीती हुई बाज़ी
खुशी से हार जाएगने
ये हम जीती हुई बाज़ी
ये पल दो पल के झगड़े
इन्हे हास कर मिटा लेंगे
जहाँ जाएँगे दीवाने
जहाँ जाएँगे दीवाने
वही महफ़िल जमा लेंगे
जिसे चाहेंगे मस्ताने
उसे अपना बना लेंगे
जहाँ जाएँगे दीवाने
वही महफ़िल जमा लेंगे

Wissenswertes über das Lied Jahan Jayenge Diwane Wohi Mehfil von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Jahan Jayenge Diwane Wohi Mehfil” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Jahan Jayenge Diwane Wohi Mehfil” von Mohammed Rafi wurde von S. H. Bihari komponiert.

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