Jhuka Jhuka Ke Nazar

Mehboob Sarvar

झुका झुका के नज़र यूँ उठाई जाती है
के जैसे शम्मा बुझाकर जलाई जाती है
झुका झुका के नज़र यूँ उठाई जाती है
झुका झुका के नज़र

ज़बान जलती है जिसके बयान करने से
ज़बान जलती है जिसके बयान करने से
वो दास्ताँ तो नज़र से सुनाई जाती है
वो दास्ताँ तो नज़र से सुनाई जाती है
झुका झुका के नज़र

ये लोग देखेंगे कैसे धुआ मोहब्बत का
ये लोग देखेंगे कैसे धुआ मोहब्बत का
ये आग वो है जो दिल में लगाई जाती है
ये आग वो है जो दिल में लगाई जाती है
झुका झुका के नज़र

ज़माना क्यों है मोहब्बत के नाम का दुश्मन
ज़माना क्यों है मोहब्बत के नाम का दुश्मन
ये चीज वो है जो हर दिल में पाई जाती है
ये चीज वो है जो हर दिल में पाई जाती है
के जैसे शम्मा बुझाकर जलाई जाती है
झुका झुका के नज़र यूँ उठाई जाती है

Wissenswertes über das Lied Jhuka Jhuka Ke Nazar von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Jhuka Jhuka Ke Nazar” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Jhuka Jhuka Ke Nazar” von Mohammed Rafi wurde von Mehboob Sarvar komponiert.

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