Jo Dekhta Hai Kahta Hai
ए मुसव्विर तेरह हाथो की बलाए ले लू
खूब तस्वीर बनायी मेरे बहलाने को
कुछ ऐसी प्यारी शक्ल मेरे दिलरुबा की हैं
कुछ ऐसी प्यारी शक्ल मेरे दिलरुबा की हैं
जो देखता हैं कहता हैं कुदरत खुदा की हैं
इस सदगी को क्या हैं ज़ुरूरत सिंगार की
इस सदगी को क्या हैं ज़ुरूरत सिंगार की
दीवानी खुद हैं उस पे जवानी बाहर की
जवानी बाहर की
दुनिया मे धुम उसके ही नाज़ ओ अदा की हैजो देखता हैं
कहता हैं कुदरत खुदा की हैं
नज़रों के एक तिर से संसार जी उठे
ज़ुल्फ़ों की छ्व दल दे बीमार जी उठे
हाये बीमार जी उठे
आँचल के तार तार मे ठंडक हवा की हैं
जो देखता हैं कहता हैं कुदरत खुदा की हैं
जो देखता हैं कहता हैं कुदरत खुदा की हैं
हा कुदरत खुदा की हैं
हाये कुदरत खुदा की हैं