Kahan Jaiyo Najariya Churai Ke

ANJAAN, G S Kohli

कहाँ जईयों कहाँ जईयों नजरिया चुराई के हम हमसे
हो कहाँ जईयों
कहाँ जईयों कहाँ जइयों नजरिया चुराई के हमसे
कहाँ जईयों
गोरी गुस्से में हो गोरी गुस्से में हाय गोरी गुस्से में
दामन छुड़ाये हमसे ओये ओये ओये
कहाँ जईंयों नजरिया चुराई के हमसे
कहाँ जईयों

नागन गोरिया चले चाल ऐसे हाय
लौटे करेजवा पे हाय साँप जैसे
लौटे करेजवा पे हाय साँप जैसे
काबू करी हम जियरा पे कैसे
कौनों जतन तो बतहियो बतहियो बतहियो रे
कहाँ जईयों कहाँ जईयों नजरिया चुराई के हमसे
हो कहाँ जईयों हो हाँ हाँ हाँ हाय हाय हाय

तोहरे बग़ैर दुनिया भुलई दे
तोहरी द्वार पे दुहनी रमई दे
तोहरी द्वारी पे दुहनी रमई दे
जब बन के जोगी
हो जब बन के जोगी
अलख हम जगई बे
फिर कैसे बस मैं ना अई हो न अई हो न अई हो रे
कहाँ जई हो ओ कहाँ जईयों नजरिया चुराई के हमसे
कहाँ जईयों

Wissenswertes über das Lied Kahan Jaiyo Najariya Churai Ke von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Kahan Jaiyo Najariya Churai Ke” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Kahan Jaiyo Najariya Churai Ke” von Mohammed Rafi wurde von ANJAAN, G S Kohli komponiert.

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