Khwab Mein Kahan Miloge

Rajendra Krishan

शाम को कहा मिलोगे
किसलिए जी
शाम को कहा मिलोगे
किसलिए जी
दिल से दिल की होंगी बाते इसलिए जी
शाम को कहा मिलोगे
किसलिए जी
शाम को कहा मिलोगे
किसलिए जी
दिल से दिल की होंगी बाते इसलिए जी
शाम को कहा मिलोगे
किसलिए जी

ये अदा हाए हाए ये अदा
दिल चुरा रहे हो बात बात मे
दिल चुरा रहे हो बात बात मे
ये समा कहे हम तुम जवा
क्यू ना चले लेके हाथ हाथ मे
क्यू ना चले लेके हाथ हाथ मे
आ आ आ
आ आ आ
आ आ आ
शाम को कहा मिलोगे
किसलिए जी

बोलिए कुछ तो बोलिए
साथ साथ आइएगा या नही
साथ साथ आइएगा या नही
क्या करे हाए हम क्या करे
दिल पे इकतियार अब रहा नही
दिल पे इकतियार अब रहा नही
आ आ आ
आ आ आ
आ आ आ
शाम को कहा मिलोगे
किसलिए जी

जिंदगी है वही जिंदगी
जो गुजर देगा कोई प्यार मे
जो गुजर देगा कोई प्यार मे
आए तो आए अब फ़िज़ा
फूल हमने चुन लिए बाहर मे
फूल हमने चुन लिए बाहर मे
आ आ आ
आ आ आ
आ आ आ
शाम को कहा मिलोगे
किसलिए जी
शाम को कहा मिलोगे
किसलिए जी
दिल से दिल की होंगी बाते इसलिए जी
शाम को कहा मिलोगे
किसलिए जी

Wissenswertes über das Lied Khwab Mein Kahan Miloge von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Khwab Mein Kahan Miloge” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Khwab Mein Kahan Miloge” von Mohammed Rafi wurde von Rajendra Krishan komponiert.

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