Koi Bura Kahe Ya Kahe Bhala

Majrooh Sultanpuri

कोई बुरा कहे या कहे भला
मैं शादी करने चला अरे मैं शादी करने चला
ओ कोई बुरा कहे या कहे भला
मैं शादी करने चला आ हा हा मैं शादी करने चला

संसार में तनहा तनहा बीतेगी उमरिया कैसे
संसार में तनहा तनहा बीतेगी उमरिया कैसे
जीवन की ये लम्बी गाड़ी चलती नहीं एक पहिये से
एक साथी लेकर मंज़िल पर
आबादी करने चला अरे मैं शादी करने चला
हो कोई बुरा कहे या कहे भला
मैं शादी करने चला अरे मैं शादी करने चला

दुनिया में कुँवारे को तो मिलता नहीं
ढूंढे घर भी जोड़ी जो कही मिल
जाये फिर फ़ौज भी है लश्कर भी

सपनो के रंग महल की एक सहज़ादी करने चला
अरे मैं शादी करने चला
कोई बुरा कहे या कहे भला
मैं शादी करने चला अरे मैं शादी करने चला

नाचेगी ख़ुशी आँगन में
दुल्हन जो चलेगी छम से
नाचेगी ख़ुशी आँगन में
दुल्हन जो चलेगी छम से
तक़दीर तेरी जागेगी तरकीब
समझ ले हमसे तू राज़ी हो
तो आ प्यार में काजी करने चला
अरे मैं शादी करने चला

Wissenswertes über das Lied Koi Bura Kahe Ya Kahe Bhala von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Koi Bura Kahe Ya Kahe Bhala” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Koi Bura Kahe Ya Kahe Bhala” von Mohammed Rafi wurde von Majrooh Sultanpuri komponiert.

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