Koi Sone Ke Dilwala

MAJROOH SULTANPURI, SALIL CHOUDHURY

कोई सोने के दिलवाला, कोई चाँदी के दिलवाला
शीशे का है मतवाले मेरा दिल
महफ़िल ये नहीं तेरी दीवाने कहीं चल
कोई सोने के दिलवाला, कोई चाँदी के दिलवाला
शीशे का है मतवाले मेरा दिल
महफ़िल ये नहीं तेरी दीवाने कहीं चल

हैं तो सनम लेकिन पत्थर के सनम यहाँ
प्यार वाली नरमी अदाओं में कहाँ
हैं तो सनम लेकिन पत्थर के सनम यहाँ
प्यार वाली नरमी अदाओं में कहाँ
होंठों से देख इनके, टकराए न तेरा प्याला
कोई सोने के दिलवाला, कोई चाँदी के दिलवाला
शीशे का है मतवाले मेरा दिल
महफ़िल ये नहीं तेरी दीवाने कहीं चल

क्या जानिये कहाँ से आती है कानों में सदा
ऐ दीवाने ग़म तेरा सब से जुदा
क्या जानिये कहाँ से आती है कानों में सदा
ऐ दीवाने ग़म तेरा सब से जुदा
इस महफ़िल से उठा दिल, न बहलेगा ये मतवाला
कोई सोने के दिलवाला, कोई चाँदी के दिलवाला
शीशे का है मतवाले मेरा दिल
महफ़िल ये नहीं तेरी दीवाने कहीं चल
कोई सोने के दिलवाला, कोई चाँदी के दिलवाला
शीशे का है मतवाले मेरा दिल
महफ़िल ये नहीं तेरी दीवाने कहीं चल

Wissenswertes über das Lied Koi Sone Ke Dilwala von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Koi Sone Ke Dilwala” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Koi Sone Ke Dilwala” von Mohammed Rafi wurde von MAJROOH SULTANPURI, SALIL CHOUDHURY komponiert.

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