Koyi Jab Raah

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

कोई जब राह ना पाए मेरे संग आए
के पग पग दीप जलाए
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
कोई जब राह ना पाए मेरे संग आए
के पग पग दीप जलाए
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार

जीवन का यही हैं दस्तूर
प्यार बिना अकेला मजबूर
दोस्ती को माने तो सब दुख दूर
दोस्ती को माने तो सब दुख दूर
कोई कहे तहोकर खाए मेरे संग आए
के पग पग दीप जलाए
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार

दोनो के हैं रूप हज़ार पर मेरी सुने जो संसार
दोस्ती हैं भाई तो बहाना हैं प्यार
दोस्ती हैं भाई तो बहाना हैं प्यार
कोई मत नैन चुराए मेरे संग आए
के पग पग दीप जलाए
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार

प्यार का हैं प्यार ही नाम
कही मीरा कही घनश्याम
दोस्ती का यारो नही कोई धाम
दोस्ती का यारो नही कोई धाम
कोई कही दूर ना जाए मेरे संग आए
के पग पग दीप जलाए
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
कोई जब राह ना पाए मेरे संग आए
के पग पग दीप जलाए
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार

Wissenswertes über das Lied Koyi Jab Raah von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Koyi Jab Raah” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Koyi Jab Raah” von Mohammed Rafi wurde von LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI komponiert.

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