Kuchh Aesi Pyari Shakl

Hasrat Jaipuri, Madan Mohan

ऐ मुसव्विर तेरे हाथों की बालाएं ले लूं
खूब तस्वीर बनाई मेरे बहलाने को

कुछ ऐसी प्यारी शक्ल मेरे दिलरुबा की है
कुछ ऐसी प्यारी शक्ल मेरे दिलरुबा की है
जो देखता है कहता है कुदरत ख़ुदा की है

इस सादगी को क्या है ज़रूरत सिंगार की
इस सादगी को क्या है ज़रूरत सिंगार की
दीवानी ख़ुद है उस पे जवानी बहार की
जवानी बहार की
दुनिया में धूम उसके ही नाज़ ओ अदा की है
जो देखता है कहता है कुदरत ख़ुदा की है

नज़रों के एक तीर से संसार जी उठे
जुल्फ़ों की छाँव डाल दे बीमार जी उठे
हाय बीमार जी उठे
आँचल के तार तार में ठंडक हवा की है
जो देखता है कहता है कुदरत ख़ुदा की है
जो देखता है कहता है कुदरत ख़ुदा की है
हाँ कुदरत ख़ुदा की है हाय कुदरत ख़ुदा की है

Wissenswertes über das Lied Kuchh Aesi Pyari Shakl von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Kuchh Aesi Pyari Shakl” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Kuchh Aesi Pyari Shakl” von Mohammed Rafi wurde von Hasrat Jaipuri, Madan Mohan komponiert.

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