Le Gaya Zalim Ghadi Samajh Ke

Madan Mohan, Rajinder Krishnan

ले गया ज़ालिम घड़ी साँझ के
मेरा धड़कता दिल धड़कता दिल
धड़कता दिल
ले गया ज़ालिम घड़ी साँझ के
मेरा धड़कता दिल धड़कता दिल
धड़कता दिल
ना कोई सौदा ना कोई कीमत
ना पर्ची ना बिल
ले गया ज़ालिम घड़ी साँझ के
मेरा धड़कता दिल धड़कता दिल
धड़कता दिल

एक दिन यारो ह्यूम भी दुनिया
कहती थी दिल वाला
एक दिन यारो ह्यूम भी दुनिया
कहती थी दिल वाला
किस्मत फोटी पद गया
एक नखरे वाली से पाला
गया दिल हाथ से ऐसा
हम हो गये मुनसी बेदील
ले गया ज़ालिम घड़ी साँझ के
मेरा धड़कता दिल धड़कता दिल
धड़कता दिल

गया चोर बाज़ार वो ज़ालिम
बहाव भाड़ा एक आना
महँगे दाम खरीदे कोई
क्यू पर माल पुराना
आख़िर आशिक़ का दिल था ना
था दिलबर का दिल
ले गया ज़ालिम घड़ी साँझ के
मेरा धड़कता दिल धड़कता दिल
धड़कता दिल

माल बिका ना जब चोरी का
तो दिलबर पचहताया
अरे माल बिका ना जब चोरी का
तो दिलबर पचहताया
हो कर शरण शार
फिर वापस करने आया
हुँने कर कर देखी क्या
जब गया जगा से दिल
ले गया ज़ालिम घड़ी साँझ के
मेरा धड़कता दिल धड़कता दिल
धड़कता दिल
ना कोई सौदा ना कोई कीमत
ना पर्ची ना बिल
ले गया ज़ालिम घड़ी साँझ के
मेरा धड़कता दिल धड़कता दिल.

Wissenswertes über das Lied Le Gaya Zalim Ghadi Samajh Ke von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Le Gaya Zalim Ghadi Samajh Ke” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Le Gaya Zalim Ghadi Samajh Ke” von Mohammed Rafi wurde von Madan Mohan, Rajinder Krishnan komponiert.

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