Mat Puchhiye Dil Hai Kahan

Majrooh Sultanpuri

मत पूछिए दिल हैं कहाँ, दिल की मंज़िल हैं कहाँ
सारी दुनिया का ग़म चले भूल के, हम मतवाले नौजवाँ
हम मतवाले नौजवाँ
मत पूछिए दिल हैं कहाँ, दिल की मंज़िल हैं कहाँ
सारी दुनिया का ग़म चले भूल के
हम मतवाले नौजवाँ
हम मतवाले नौजवाँ

उजले उजले मुखड़े तस्वीर लिए
उजले उजले मुखड़े तस्वीर लिए
नज़रें लिए तीर कमान जुल्फें ज़ंजीर लिए
फिरते है यहाँ से वहाँ दिलवाले जाएँ कहाँ

सरी दुनिया का गम चले भूल के हम (सरी दुनिया का गम चले भूल के हम)
मतवाले नौजवाँ (हम मतवाले नौजवाँ)
हम मतवाले नौजवाँ (हम मतवाले नौजवाँ)

चलते चलते क्यों दूँ ही गुज़र जाएँ
चलते चलते क्यों दूँ ही गुज़र जाएँ
दिल देके खरीदेंगे जीने की तमन्नाये
सुन्दर सपनों की दुकान लगता हैं सारा जहां

सरी दुनिया का गम चले भूल के हम (सरी दुनिया का गम चले भूल के हम)
मतवाले नौजवाँ (मतवाले नौजवाँ)
हम मतवाले नौजवाँ (हम मतवाले नौजवाँ)
मत पूछिए दिल हैं कहाँ (मत पूछिए दिल हैं कहाँ
दिल की मंजिल हैं कहाँ (दिल की मंजिल हैं कहाँ)
सरी दुनिया का गम चले भूल के हम (सरी दुनिया का गम चले भूल के हम)
मतवाले नौजवाँ (मतवाले नौजवाँ)
हम मतवाले नौजवाँ (हम मतवाले नौजवाँ)

Wissenswertes über das Lied Mat Puchhiye Dil Hai Kahan von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Mat Puchhiye Dil Hai Kahan” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Mat Puchhiye Dil Hai Kahan” von Mohammed Rafi wurde von Majrooh Sultanpuri komponiert.

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