Meri Mohabbat Pak Mohabbat

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत
और जहाँ की ख़ाक़ मोहब्बत
कहीं तुम्हें प्यार न हो जाए
बच बच के चलना हुज़ूर
कहीं तुम्हें प्यार न हो जाए
ओ बच बच के चलना हुज़ूर
मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत
और जहाँ की ख़ाक़ मोहब्बत
कहीं तुम्हें प्यार न हो जाए
ओ बच बच के चलना हुज़ूर

पूरब-पश्चिम उत्तर दक्षिन मेरे प्यार की सीमा
मेरा प्यार है इतना ऊँचा जैसे राम रहीमा
जैसे राम रहीमा
मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत
और जहाँ की ख़ाक़ मोहब्बत
कहीं तुम्हें प्यार न हो जाए
ओ बच बच के चलना हुज़ूर
कहीं तुम्हें प्यार न हो जाए
ओ बच बच के चलना हुज़ूर

तुजको पाकर स्वर्ग से सुन्दर मंज़िल मैने पा ली
तेरे प्यार में मर जाने की क़सम है मैने खा ली
क़सम है मैने खा ली
मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत
और जहाँ की ख़ाक़ मोहब्बत
कहीं तुम्हें प्यार न हो जाए
ओ बच बच के चलना हुज़ूर
बच बच के चलना हुज़ूर
हाय बच बच के चलना हुज़ूर

Wissenswertes über das Lied Meri Mohabbat Pak Mohabbat von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Meri Mohabbat Pak Mohabbat” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Meri Mohabbat Pak Mohabbat” von Mohammed Rafi wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan komponiert.

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