Meri Zindagi Mein Aate To

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

उनकी ज़ूलफे उनके चेहरे से हटा सकता नही
दिल की बेताबी किसी सूरत छुपा सकता नही
कितनी दिलकश है मोहब्बत की जवान मजबूरियाँ
सामने मंज़िल है और पाँव बढ़ा सकता नही
मेरी ज़िंदगी मे आते तो कुच्छ और बात होती
तो कुच्छ और बात होती
मेरी ज़िंदगी मे आते तो कुच्छ और बात होती
तो कुच्छ और बात होती
ये नसीब जगमगाते तो कुच्छ और बात होती
तो कुच्छ और बात होती

कई बार मिल चुकी है ये हसी-हसी निगाहे
कई बार मिल चुकी है ये हसी-हसी निगाहे
वो ही बेकररिया है ना मिली खुशी की राहे
मेरे दिल से दिल मिलाते तो कुच्छ और बात होती
तो कुच्छ और बात होती
मेरी ज़िंदगी मे आते तो कुच्छ और बात होती
तो कुच्छ और बात होती

मुझे क्या गरज़ किसी से हँसे फूल या सितारे
मुझे क्या गरज़ किसी से हँसे फूल या सितारे
है मेरी नज़र मे फीके ये जवान-जवान नज़ारे
अगर आप मुस्कराते तो कुच्छ और बात होती
तो कुच्छ और बात होती
मेरी ज़िंदगी मे आते तो कुच्छ और बात होती
तो कुच्छ और बात होती

ये खुशी रहे सलामत यूँ ही जश्न हो सुहाना
ये खुशी रहे सलामत यूँ ही जश्न हो सुहाना
जिसे सुन रही है दुनिया मेरे दिल का है तराना
मेरे साथ तुम भी गाते तो कुच्छ और बात होती
तो कुच्छ और बात होती
मेरी ज़िंदगी मे आते तो कुच्छ और बात होती
तो कुच्छ और बात होती
ये नसीब जगमगाते तो कुच्छ और बात होती
तो कुच्छ और बात होती

Wissenswertes über das Lied Meri Zindagi Mein Aate To von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Meri Zindagi Mein Aate To” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Meri Zindagi Mein Aate To” von Mohammed Rafi wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan komponiert.

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