Mohabbat Ke Dhoke Men Koi Na Aaye

Husnalal Bhagatram, Kamar Jalalabadi, Rajendra Krishna

मोहब्बत के धोखे में
कोई ना आए कोई ना आए
ये इक दिन हासाए तो
सौ दिन रुलाए सौ दिन रुलाए
मोहब्बत के धोखे में कोई ना आए
कोई ना आए

मुझे जब किसी से मोहब्बत नही थी
मोहब्बत नही थी
तो आँखो को रोने की आदत नही थी
आदत नही थी
मोहब्बत ने आँखो में आसू बताए
आसू बताए
मोहब्बत के धोखे में कोई ना आए
कोई ना आए
ये एक दिन हासाए तो सौ दिन रुलाए
सौ दिन रुलाए
मोहब्बत के धोखे में कोई ना आए
कोई ना आए

मेरे दिल को देखो जो धोखे में आया
धोखे में आया
मोहब्बत का एक गीत भूले से गया
भूले से गया
मगर रात दिन अब करे हाए हाए
करे हाए हाए
मोहब्बत के धोखे में कोई ना आए
कोई ना आए
ये एक दिन हासाए तो सौ दिन रुलाए
सौ दिन रुलाए
मोहब्बत के धोखे में कोई ना आए
कोई ना आए

Wissenswertes über das Lied Mohabbat Ke Dhoke Men Koi Na Aaye von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Mohabbat Ke Dhoke Men Koi Na Aaye” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Mohabbat Ke Dhoke Men Koi Na Aaye” von Mohammed Rafi wurde von Husnalal Bhagatram, Kamar Jalalabadi, Rajendra Krishna komponiert.

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