Mohabbat Ke Dhokhe Me Koi Naa Aaye

Rajendra Krishan

कहाँ तेरी मंज़िल कहाँ है ठिकाना
मुसाफिर बता दे कहा तुझको जाना
कहाँ तेरी मंज़िल कहाँ है ठिकाना
मुसाफिर बता दे कहा तुझको जाना
कहाँ तेरी मंज़िल कहाँ है ठिकाना
मुसाफिर बता दे कहा तुझको जाना
कहाँ तेरी मंज़िल कहाँ है ठिकाना

गगन में उड़ने वालो का
भी गुलशन रेन बसेरा है
गगन में उड़ने वालो का
भी गुलशन रेन बसेरा है
घर की और चल रही तोह
धुंधली शाम सवेरा है
घर की और चल रही तोह
धुंधली शाम सवेरा है
सूरज चाँद सितारे हैं तोह
उनकी भी मंज़िल है
मंजिल है तोह जहां भी जाए
राह तेरी झिलमिल है
बिन मंज़िल बेकार है गाफिल
बिन मंज़िल बेकार है गाफिल
कदम भी उठाना
मुसाफिर बता दे कहा तुझको जाना
कहाँ तेरी मंज़िल कहाँ है ठिकाना
मुसाफिर बता दे कहा तुझको जाना
कहाँ तेरी मंज़िल कहाँ है ठिकाना

Wissenswertes über das Lied Mohabbat Ke Dhokhe Me Koi Naa Aaye von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Mohabbat Ke Dhokhe Me Koi Naa Aaye” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Mohabbat Ke Dhokhe Me Koi Naa Aaye” von Mohammed Rafi wurde von Rajendra Krishan komponiert.

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