Mujhe Apna Yaar Bana Lo

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

मुझे अपना यार बना लो, फिर हो जाऊँ संसार का
मुझे अपना यार बना लो, फिर हो जाऊँ संसार का
अरे,आज़मा के देखो, दिल कैसा है दिलदार का
मुझे अपना यार बना लो, फिर हो जाऊँ संसार का

जिन रास्तों से निकलूँ एक धूम सी मचा दूँ
जिन महफिलों में जाऊँ, वो महफिलें सजा दूँ
जिन रास्तों से निकलूँ एक धूम सी मचा दूँ
जिन महफिलों में जाऊँ, वो महफिलें सजा दूँ
मैं राही हूँ अलबेला और प्यासा हूँ दीदार का
मुझे अपना यार बना लो, फिर हो जाऊँ संसार का
अरे,आज़मा के देखो, दिल कैसा है दिलदार का

मैं क्या करूँ के ज़ालिम, सूरत ही ऐसी पाई
दिल मेरा आईना है, दिल में नहीं बुराई
मेरे दिल को दिल में ले लो है हीरा एतबार का
मुझे अपना यार बना लो, फिर हो जाऊँ संसार का
अरे, आज़मा के देखो, दिल कैसा है दिलदार का

दुनिया की वादियों में बिन यार कैसे जीना
दरिया भी सूना-सूना जब तक ना हो सफीना
दुनिया की वादियों में बिन यार कैसे जीना
दरिया भी सूना-सूना जब तक ना हो सफीना
अरे, सुन लो दुनिया वालों ये नग़मा दिल के तार का
मुझे अपना यार बना लो, फिर हो जाऊँ संसार का
अरे,आज़मा के देखो, दिल कैसा है दिलदार का
मुझे अपना यार बना लो, फिर हो जाऊँ संसार का

Wissenswertes über das Lied Mujhe Apna Yaar Bana Lo von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Mujhe Apna Yaar Bana Lo” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Mujhe Apna Yaar Bana Lo” von Mohammed Rafi wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan komponiert.

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