Mujhe Dard-E-Dil Ka Pata Na Tha

Chitragupta, Majrooh Sultanpuri

मुझे दर्द-ए-दिल का पता ना था
मुझे आप किस लिए मिल गये
मैं अकेले यूँ ही मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गये
मुझे दर्द-ए-दिल का पता ना था
मुझे आप किस लिए मिल गये

यू ही अपने अपने सफ़र में गुम
कही दूर मैं कही दूर तुम
यू ही अपने अपने सफ़र में गुम
कही दूर मैं कही दूर तुम
कही दूर तुम
चले जा रहे थे जुदा जुदा
मुझे आप किस लिए मिल गये
मैं अकेले यूँ ही मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गये

मैं ग़रीब हाथ बढ़ा तो दू
तुम्हे पा सकु के ना पा सकु
मैं ग़रीब हाथ बढ़ा तो दू
तुम्हे पा सकु के ना पा सकु
तुम्हे पा सकु
मेरी जान बहुत हैं ये फासला
मुझे आप किस लिए मिल गये
मैं अकेले यूँ ही मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गये

ना मैं चाँद हूँ किसी शाम का
ना चिराग हूँ किसी बाम का
ना मैं चाँद हूँ किसी शाम का
ना चिराग हूँ किसी बाम का
किसी बाम का
मैं तो रास्ते का हूँ एक दीया
मुझे आप किस लिए मिल गये
मैं अकेले यूँ ही मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गये
मुझे दर्द-ए-दिल का पता ना था
मुझे आप किस लिए मिल गये

Wissenswertes über das Lied Mujhe Dard-E-Dil Ka Pata Na Tha von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Mujhe Dard-E-Dil Ka Pata Na Tha” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Mujhe Dard-E-Dil Ka Pata Na Tha” von Mohammed Rafi wurde von Chitragupta, Majrooh Sultanpuri komponiert.

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