Mukhde Pe Tere Bijli Ki Chamak

Prem Dhawan

मुखड़े पे तेरे बिजली की चमक
ज़ुल्फो मे घटा लहराती है
चल थम के ज़रा
चल थम के ज़रा
ए शोला बदन
मेरी जान निकलती जाती है
चल थम के ज़रा

हर जलवा तेरा है कातिल
हर एक अदा दिल लूटे
हर जलवा तेरा है कातिल
हर एक अदा दिल लूटे
है चाल में तेरे जैसे
एक तीर कमा से छूटे
जब चलती हो तुम
जब चलती हो तुम
कहते है सभी
हट जाओ क़यामत आती है
मुखड़े पे तेरे बिजली की चमक
ज़ुल्फो मे घटा लहराती है
चल थम के ज़रा

नागिन की तरह बल खाती
डालो न इधर तुम फेरे
नागिन की तरह बल खाती
डालो न इधर तुम फेरे
है आस लगाए बैठे
हम जैसे तो लहक सपेरे
कितना भी जहर
कितना भी जहर
नागिन में रहे
जब बीन बजे फास जाती है
मुखड़े पे तेरे बिजली की चमक
ज़ुल्फो मे घटा लहराती है
चल थम के ज़रा

दिल चीज़ है खोने वाली
इसको इतना न सम्भालो
दिल चीज़ है खोने वाली
इसको इतना न सम्भालो
आँखों में बसा लूँगा मै
ये दिल जो मुझे दे डालो
नादाँ हो तुम
नादाँ हो तुम नादानो से
हर चीज़ कही खो जाती है
मुखड़े पे तेरे बिजली की चमक
ज़ुल्फो मे घटा लहराती है
चल थम के ज़रा
ए शोला बदन
मेरी जान निकलती जाती है
चल थम के ज़रा

Wissenswertes über das Lied Mukhde Pe Tere Bijli Ki Chamak von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Mukhde Pe Tere Bijli Ki Chamak” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Mukhde Pe Tere Bijli Ki Chamak” von Mohammed Rafi wurde von Prem Dhawan komponiert.

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