Na Ja Ab Kahin Na Ja

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा
ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा
है यही दिल कूचा तेरा, आई मेरे हमदम मेरे दोस्त
ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा
है यही दिल कूचा तेरा, आई मेरे हमदम मेरे दोस्त
ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा

बेसबब उडेगी हर्सू, तेरे पैरहन की खुश्बू
बेसबब उडेगी हर्सू, तेरे पैरहन की खुश्बू
इधर तो आ सॉवॅर डू खुले खुले ये गेसू
वफ़ा देती है सदा
ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा
ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा

आके खून-ए-दिल मिलके, भर डू इन लाबो के ख़ाके
आके खून-ए-दिल मिलके, भर डू इन लाबो के ख़ाके
बुझा भुझा बदन तेरा कमाल कमाल बना के
खिला डू रंग-ए-हिना
ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा
ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा

आज सहर-ए-दिल मे चलकर, सूरत-ए-चिराग जलकर
आज सहर-ए-दिल मे चलकर, सूरत-ए-चिराग जलकर
किसी झुकी हुई नज़र के काजल से दिल पे
लिखे आ नाम-ए-वफ़ा
ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा
है यही दिल कूचा तेरा, आई मेरे हमदम मेरे दोस्त
ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा
ना जेया कही अब ना जेया दिल के साइवा
दिल के साइवा, दिल के साइवा

Wissenswertes über das Lied Na Ja Ab Kahin Na Ja von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Na Ja Ab Kahin Na Ja” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Na Ja Ab Kahin Na Ja” von Mohammed Rafi wurde von LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI komponiert.

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