Na Main Bhagwan Hoon

Naushad, Shakeel Badayuni

न मैं भगवान हूँ न मैं शैतान हूँ
अरे दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ

मुझ में भलाई भी मुझ में बुराई भी
लाखों हैं मैल दिल में थोड़ी सफ़ाई भी
हो मुझ में भलाई भी मुझ में बुराई भी
लाखों हैं मैल दिल में थोड़ी सफ़ाई भी
थोड़ा सा नेक हूँ थोड़ा बेईमान हूँ
अरे दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ
न मैं भगवान हूँ न मैं शैतान हूँ
अरे दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ

न कोई राज है न सर पर ताज है
फिर भी हमारे दम से धरती की लाज है
न कोई राज है न सर पर ताज है
फिर भी हमारे दम से धरती की लाज है
तन का ग़रीब हूँ मन का धनवान हूँ
अरे दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ
न मैं भगवान हूँ न मैं शैतान हूँ
दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ

जीवन का गीत है सुर में न ताल में
उलझी है सारी दुनिया रोटी के जाल में
जीवन का गीत है सुर में न ताल में
उलझी है सारी दुनिया रोटी के जाल में
कैसा अँधेर है मैं भी हैरान हूँ
अरे दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ
न मैं भगवान हूँ न मैं शैतान हूँ
हो दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ

Wissenswertes über das Lied Na Main Bhagwan Hoon von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Na Main Bhagwan Hoon” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Na Main Bhagwan Hoon” von Mohammed Rafi wurde von Naushad, Shakeel Badayuni komponiert.

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