Patthar Ke Sanam

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

पत्थर के सनम तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना
पत्थर के सनम तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना
बड़ी भूल हुयी अरे हमने ये क्या समझा ये क्या जाना
पत्थर के सनम

चेहरा तेरा दिल में लिए चलते रहे अंगारों पे
तू हो कहीं तू हो कहीं
सजदे किये हमने तेरे रुखसारो पे
हमसा ना हो कोई दीवाना
पत्थर के सनम तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना
पत्थर के सनम

सोचा था ये बढ़ जायेंगी तन्हाईयाँ जब रातों की
रस्ता हमें रस्ता हमें दिखलाएगी
शम्म-ए-वफ़ा उन हाथों की
ठोकर लगी तब पहचाना
पत्थर के सनम तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना
पत्थर के सनम

ऐ काश के होती खबर तूने किसे ठुकराया है
शीशा नहीं शीशा नहीं सागर नहीं
मंदीर सा एक दिला ढाया है
ता आसमां है वीराना
पत्थर के सनम तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना
बड़ी भूल हुयी अरे हमने ये क्या समझा ये क्या जाना
पत्थर के सनम

Wissenswertes über das Lied Patthar Ke Sanam von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Patthar Ke Sanam” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Patthar Ke Sanam” von Mohammed Rafi wurde von LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI komponiert.

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