Phool Sa Chehra

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

फूल सा चेहरा
फूल सा चेहरा चाँद सी रंगत
चाल क़यामत क्या कहिये
फूल सा चेहरा चाँद सी रंगत
चाल क़यामत क्या कहिये
जो भी देखे हो जाये पागल
अपनी तो हालात क्या कहिये
फूल सा चेहरा

अपनी अदा से आप सिमटना
साये से अपने आप झिझकना
अपनी अदा से आप सिमटना
साये से अपने आप झिझकना
हाथ लगे तो कुमला जाओ
ऐसी नजाकत क्या कहिये
फूल सा चेहरा चाँद सी रंगत
चाल क़यामत क्या कहिये
फूल सा चेहरा

एक नज़र से देख लो जिसको
बे मौत वो तो मारा ही जाये
एक नज़र से देख लो जिसको
बे मौत वो तो मारा ही जाये
ऊपर से भोली अंदर से कातिल
हाय ऊपर से भोली अंदर से कातिल
ऐसी शरारत क्या कहिये
फूल सा चेहरा चाँद सी रंगत
चाल क़यामत क्या कहिये
फूल सा चेहरा

जिसको जमाना कहता है सूरज
ये तो तुम्हारा नक़्शे कदम है
जिसको जमाना कहता है सूरज
ये तो तुम्हारा नक़्शे कदम है
मिल जाये जिसको तुम सी हसीना
उसकी तो किस्मत क्या कहिये
फूल सा चेहरा चाँद सी रंगत
चाल क़यामत क्या कहिये
जो भी देखे हो जाये पागल
अपनी तो हालात क्या कहिये
फूल सा चेहरा

Wissenswertes über das Lied Phool Sa Chehra von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Phool Sa Chehra” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Phool Sa Chehra” von Mohammed Rafi wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan komponiert.

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