Pyaar Ke Saagar Se Nikli Moti Ke Badale Ret

Shakeel Badayuni

प्यार के सागर से निकली
मोती के बदले रेत
अब पछताए क्या होये
जब चिड़ियां चुग गई खेत
ओह ओ ओ ओ ओ ओह ओ ओ ओ ओ
एक झूठ है
एक झूठ है जिस का दुनिया ने
रखा है मुहब्बत नाम
अरे रखा है मुहब्बत नाम
धोखा है जिसे
धोखा है जिसे कहते है वफ़ा
बस देख लिया अंजाम
अरे बस देख लिया अंजाम
पानी सी नज़र पत्थर सा जिगर
बेदर्द तुझे पहचान गए
पानी सी नज़र पत्थर सा जिगर
बेदर्द तुझे पहचान गए
हम प्यार की नगरी में आ कर
दस्तूर यहाँ के जान गए
मिलती है ख़ुशी
मिलती है ख़ुशी दम भर के लिए
रोने को है सुबहो शाम
रोने को है सुबहो शाम
है बस देख लिया
बस देख लिया अंजाम

ना पूछ हुआ जो हाल मेरा आ आ
एक तेरी नज़र के धोखे से
ना पूछ हुआ जो हाल मेरा
एक तेरी नज़र के धोखे से
जैसे कोई जलता दीप बुझे
बस एक हवा के झोखे से
दिल दे के हमें
दिल दे के हमें
कुछ भी न मिला
बेकार हुए बदनाम
बेकार हुए बदनाम
है बस देख लिया
बस देख लिया अंजाम

Wissenswertes über das Lied Pyaar Ke Saagar Se Nikli Moti Ke Badale Ret von Mohammed Rafi

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Das Lied “Pyaar Ke Saagar Se Nikli Moti Ke Badale Ret” von Mohammed Rafi wurde von Shakeel Badayuni komponiert.

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