Saahil Jo Dubo De Kashti Ko Saahil Ki Tamannaa Kaun Kare

Krishan Dayal

साहिल जो डुबो दे कश्ती को
साहिल जो डुबो दे कश्ती को
साहिल की तमन्ना कौन करे
साहिल जो डुबो दे कश्ती को

आराम न हो जिस मंज़िल पर
मंज़िल की तमन्ना कौन करें
साहिल जो डुबो दे कश्ती को

जब दुःख ही दुःख हो दुनिया में
रोतों पे हंस दे महफ़िल में
दुनिया से मोहब्बत किसको हो
महफ़िल की तमन्ना कौन करें
साहिल जो डुबो दे कश्ती को

जब जाल बिछा हो गुलशन में
और कांटे उलझें दामन में
उस बाग की ख्वाहिश कौन करे
उस गुल की तमन्ना कौन करे
साहिल जो डुबो दे कश्ती को

उम्मीद मिटी दिल टूट गया
वो शमा बुझि वो दिल न रहा
टूटे हुए दिल से हँसती हुई
महफ़िल की तमन्ना कौन करे
साहिल जो डुबो दे कश्ती को
साहिल की तमन्ना कौन करे
साहिल जो डुबो दे कश्ती को

Wissenswertes über das Lied Saahil Jo Dubo De Kashti Ko Saahil Ki Tamannaa Kaun Kare von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Saahil Jo Dubo De Kashti Ko Saahil Ki Tamannaa Kaun Kare” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Saahil Jo Dubo De Kashti Ko Saahil Ki Tamannaa Kaun Kare” von Mohammed Rafi wurde von Krishan Dayal komponiert.

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