Sach Ki Hogi Jeet
सच की होगी जीत सदा
और जूथ की होगी हार
कागज के फूलो पे कैसे
आ सकती है बहार
जिस दिल में लगान मंज़िल की हो
जिस दिल में लगान मंज़िल की हो
वो मंज़िल को पा ही लेगा
रास्ते के हर काँटे को वो
फूल बना ही लेगा
फूल बना ही लेगा
बदल गरजे बिजली गढ़के
तूफ़ान शोर मचाये
मंज़िल का मतवाला रही
आयेज भड़ता जाए
हंसते हंसते हर मुश्किल
आसान बना ही लेगा
आसान बना ही लेगा
जिस दिल में लगान मंज़िल की हो
वो मंज़िल को पा ही लेगा
रास्ते के हर काँटे को वो
फूल बना ही लेगा
दूर हो किनारा भले दूर हो
कितना वो तका हरा मजबूर हो
दे दे जान पर ना डरे मतवाला
दे दे जान पर ना डरे मतवाला
इसमे ही जीत माने जीत दिलवाला
जिस दिल में लगान मंज़िल की हो
वो मंज़िल को पा ही लेगा
रास्ते के हर काँटे को वो
फूल बना ही लेगा
फूल बना ही लेगा