Sambhal Sambhal Ke

Majrooh Sultanpuri

गागरी सुखी बैल प्यासा
काले मेघा पानी दे
अकल का अँधा गाँठ का पूरा
फिर कोई आसामी दे
संभल के संभल
के ये दुनिया है
नगर होशियरो का
इधर आँख झपकाई
और उधर माल यारो का
संभल के संभल
के ये दुनिया है
नगर होशियरो का
इधर आँख झपकाई
और उधर माल यारो का
संभल के संभल के

कब देखी है हाथो की तूने सफाई
रह जाएगा रास्ते मे देता दुहाई
कब देखी है हाथो की तूने सफाई
रह जाएगा रास्ते मे देता दुहाई
पुकारे लखे तू साई
कोई ठुकेगा भी नही
एक बात कहता हू
संभल के संभल
के ये दुनिया है
नगर होशियरो का
इधर आँख झपकाई
और उधर माल यारो का
संभल के संभल के

ये सारे तंन के
उजाले काले है मॅन के
जीना है तो जी
प्यारे चालक बनके
ये सारे तंन के
उजाले काले है मॅन के
जीना है तो जी
प्यारे चालक बनके
नही समझा अगर बाबू
तो तू है बिल्कुल बुढ़ू
नही नही एक बात कहता हू
संभल के संभल
के ये दुनिया है
नगर होशियरो का
इधर आँख झपकाई
और उधर माल यारो का
संभल के संभल के
संभल के संभल के
संभल के संभल के.

Wissenswertes über das Lied Sambhal Sambhal Ke von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Sambhal Sambhal Ke” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Sambhal Sambhal Ke” von Mohammed Rafi wurde von Majrooh Sultanpuri komponiert.

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