Sham Suhani Ho Nadi Ho Pani Ho

Verma Malik

हे आ हा आ हा आ हा आ आहा ही आ हा ही हा हा हा हा
शाम सुहानी हो नदी हो पानी हो
शाम सुहानी हो नदी हो पानी हो
दिल की रानी हो तो फिर बेड़ा पार है
चौडी पेशानी हो आँख मस्तानी हो
चौडी पेशानी हो आँख मस्तानी हो
छायी आसमानी हो तो फिर बेडा पार है
शाम सुहानी हो

बाग बगीचे हो बिछे गालिचे हो जी
बाग बगीचे हो बिछे गालिचे हो
नौकर हो चाकर हो आगे हो पीछे हो
रेशमी सूट हो मखमली बूट हो
रेशमी सूट हो मखमली बूट हो
हुस्न का सहर हो प्यार की लूट हो
होटल ईरानी हो मुर्गा बिरयानी हो
पर दौलत बेगानी हो तो फिर बेडा पार है
शाम सुहानी हो तो

ऐसी कोई रात हो अपनी बारात हो जी
ऐसी कोई रात हो अपनी बारात हो
दुल्हन का साथ हो प्यार की बात हो
हीरो का ताज हो कल नहीं आज हो हा
हीरो का ताज हो कल नहीं आज हो
फांसी पे सैर करो पिता जी का राज हो
बगल में रानी हो चाहे वो कानी हो
अरे जानी पहचानी हो तो फिर बेडा पार है
शाम सुहानी हो

ऐसी तक़दीर हो अपनी जागीर हो
ऐसी तक़दीर हो अपनी जागीर हो
दोनों हाथों में बाल बच्चो की लकीर हो
महल त्यार हो जिसमे परिवार हो जी
महल त्यार हो जिसमे परिवार हो
मेरे बच्चो के बच्चे एक हज़ार हो
बच्चो की नानी हो उसकी पडनानी हो
पडनानी की नानी तो फिर बेडा पार हो
शाम सुहानी हो नदी हो पानी हो
दिल की रानी हो तो फिर बेडा पार है
चौडी पेशानी हो आँख मस्तानी हो
छायी आसमानी हो तो फिर बेडा पार है
शाम सुहानी हो हो आ हा

Wissenswertes über das Lied Sham Suhani Ho Nadi Ho Pani Ho von Mohammed Rafi

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Das Lied “Sham Suhani Ho Nadi Ho Pani Ho” von Mohammed Rafi wurde von Verma Malik komponiert.

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