Sune Dharthi Gagan

Bharat Vyas

हो ओ ओ हो ओ
सुने धरती गगन पाताल
मेरी बिनती सकेगा नहीं टाल
मेरी साक्षी का आया है सवाल
तुझे चलना पड़ेगा गोपाल
सुने धरती गगन पाताल
मेरी बिनती सकेगा नहीं टाल
मेरी साक्षी का आया है सवाल
तुझे चलना पड़ेगा गोपाल

सुन रे कन्हैया सबकी नैया
आज पड़ी मझधार में
सुन रे कन्हैया सबकी नैया
आज पड़ी मझधार में
अपना मंदिर छोड़के चल
इंसानो के दरबार में
हो वहाँ झूठ ने चली है ऐसी चाल
तुझे चलना पड़ेगा गोपाल

आँखों देखी बात अगर
तू जग को न बतलायेगा
आँखों देखी बात अगर
तू जग को न बतलायेगा
अगर पड़ा मैं झूठा तो
तू भी झूठा कहलायेगा
हो आज लाज़ तू ही अपनी संभाल
तुझे चलना पड़ेगा गोपाल

ऐसी घड़ी में तू जो अगर न
आया मेरे काम रे
फिर तेरी मेरी टूटेगी
कभी न लूँगा नाम रे
मेरी लाज का दामन तूने
आज लिया न थाम रे
मेरा तो कुछ न बिगड़ेगा
तू होगा बदनाम रे
चल देने गवाही गोपाल
आज मंदिर से लुँगा निकाल
चल देने गवाही गोपाल
आज मंदिर से लुँगा निकाल
तुझे चलना पड़ेगा गोपाल
तुझे चलना पड़ेगा गोपाल
तुझे चलना पड़ेगा गोपाल

Wissenswertes über das Lied Sune Dharthi Gagan von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Sune Dharthi Gagan” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Sune Dharthi Gagan” von Mohammed Rafi wurde von Bharat Vyas komponiert.

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