Toote Huye Dil Ko

A, Husnalal-Bhagatram, N

टूटे हुए दिल को
उलफत का बस इतना
फसाना याद रहा
एक उनका आना याद रहा
एक उनका जाना याद रहा
टूटे हुए दिल को उलफत का

दिन रात बरसाती है आँखे
दिन रात बरसाती है आँखे
हँसने को तरसती है आँखे
हँसने को तरसती है आँखे
हँसने के बहाने भूल गये
रोने का बहाना याद रहा
टूटे हुए दिल को
उलफत का बस इतना
फसाना याद रहा
टूटे हुए दिल को उलफत का

मैं सारा ज़माना भूल गया
मैं सारा ज़माना भूल गया
एक उनकी दुनिया याद रही
एक उनकी दुनिया याद रही
वो मेरी ही दुनिया भूल गया
और सारा ज़माना याद रहा
टूटे हुए दिल को उलफत का
बस इतना फसाना याद रहा
टूटे हुए दिल को उलफत का

जाना था उन्हे चले जाते
जाना था उन्हे चले जाते
पर याद भी अपनी ले जाते
पर याद भी अपनी ले जाते
क्यो आग बुझाना भूल गए
और आग लगाना याद रहा
टूटे हुए दिल को उलफत का
बस इतना फसाना याद रहा
टूटे हुए दिल को उलफत का.

Wissenswertes über das Lied Toote Huye Dil Ko von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Toote Huye Dil Ko” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Toote Huye Dil Ko” von Mohammed Rafi wurde von A, Husnalal-Bhagatram, N komponiert.

Beliebteste Lieder von Mohammed Rafi

Andere Künstler von Religious