Tu Ganga Ki Mauj

A, N, Naushad

आ आ आ आ आ आ आ
अकेली मत जइयो राधे जमुना के तीर

हो जी ओ
तू गंगा की मौज, मैं जमुना का धारा
तू गंगा की मौज, मैं जमुना का धारा
हो रहेगा मिलन, ये हमारा
हो हमारा, तुम्हारा रहेगा मिलन
ये हमारा तुम्हारा

अगर तू है सागर तो मझधार मैं हूँ
मझधार मैं हूँ
तेरे दिल की कश्ती का पतवार मैं हूँ
पतवार मैं हूँ
चलेगी अकेले न तुमसे ये नैय्या
न तुमसे ये नैय्या
मिलेंगी न मंज़िल तुम्हें बिन खिवैया
तुम्हें बिन खिवैया
चले आओ जी, चले आओ जी
चले आओ मौजों का ले कर सहारा
हो रहेगा मिलन ये हमारा तुम्हारा

भला कैसे टूटेंगे बंधन ये दिल के
बंधन ये दिल के
बिछड़ती नहीं मौज से मौज मिल के
हो मौज मिल के
छुपोगे भँवर में तो छुपने न देंगे
तो छुपने न देंगे
डुबोदेंगे नैया तुम्हें ढूँढ लेंगे
तुम्हें ढूँढ लेंगे
बनायेंगे हम, बनायेंगे हम
बनायेंगे तूफ़ाँ को एक दिन किनारा
हो रहेगा मिलन ये हमारा तुम्हारा
तू गंगा की मौज, मैं जमुना का धारा
तू गंगा की मौज, मैं जमुना का धारा
हो रहेगा मिलन, के हमारा
हो हमारा, तुम्हारा रहेगा मिलन
ये हमारा तुम्हारा
म हम्म हम्म हम्म, म हम्म हम्म हम्म

तू गंगा की मौज, मैं जमुना का धारा

हो(रहेगा मिलन ये हमारा )

हो हमारा, तुम्हारा रहेगा मिलन
ये हमारा तुम्हारा
तू गंगा की मौज, मैं जमुना का धारा
तू गंगा की मौज, मैं जमुना का धारा
हो रहेगा मिलन, ये हमारा तुम्हारा

Wissenswertes über das Lied Tu Ganga Ki Mauj von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Tu Ganga Ki Mauj” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Tu Ganga Ki Mauj” von Mohammed Rafi wurde von A, N, Naushad komponiert.

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