Tum Mere Pyar Ki Duniya Men

Hasrat Jaipuri, Shankar Jaikishan

तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जबसे
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जबसे
ज़र्रे ज़र्रे में मुझे प्यार नज़र आता है
मेरी हर सांस में आती है तुम्हारी खुशबू
सारा आलम मुझे गुलजार नज़र आता है
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जबसे
ज़र्रे ज़र्रे में मुझे प्यार नज़र आता है
मेरी हर सांस में आती है तुम्हारी खुशबू
सारा आलम मुझे गुलजार नज़र आता है
तुम मेरे प्यार की दुनिया बसी हो जबसे

ऐसा लगता है के हरियाले घने पेड़ों में
तुम भी मौजूद हो पत्तो मैं छुपी बैठी हो
शाख हिलती है किसी
नाज़ानी बाहों की तरह
और गुमान होता है
तुम जैसे यहीं रहती हो
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जबसे
ज़र्रे ज़र्रे में मुझे प्यार नज़र आता है
मेरी हर सांस में आती है तुम्हारी खुशबू
सारा आलम मुझे गुलजार नज़र आता है
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जबसे

जब गुज़रता है मेरे जिस्म को बादल छूकर
फिर कोई रेशमी आँचल मुझे याद आता है
मैं तो हर चीज़ में पाता हूँ तुम्हारा चेहरा
इश्क़ क्या क्या मुझे परछाईयाँ दिखलाता है
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जबसे
ज़र्रे ज़र्रे में मुझे प्यार नज़र आता है
मेरी हर सांस में आती है तुम्हारी खुशबू
सारा आलम मुझे गुलजार नज़र आता है
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जबसे

धूप और छाँव के मंजर भी अजब मंजर है
जब नज़र मिलती है सौ तीर चला देते हैं
और फूलों के छलकते से कटोरे हरदम
बिन पीए ही मुझे मस्ताना बना देते हैं
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जबसे
ज़र्रे ज़र्रे में मुझे प्यार नज़र आता है
मेरी हर सांस में आती है तुम्हारी खुशबू
सारा आलम मुझे गुलजार नज़र आता है
तुम मेरे प्यार की दुनिया में बसी हो जबसे

Wissenswertes über das Lied Tum Mere Pyar Ki Duniya Men von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Tum Mere Pyar Ki Duniya Men” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Tum Mere Pyar Ki Duniya Men” von Mohammed Rafi wurde von Hasrat Jaipuri, Shankar Jaikishan komponiert.

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