Tum Rooth Ke Mat Jana

Qamar Jalalabadi, O P Nayyar

ज़मीं पे आज सितारों
ये शब नहीं भारी
बहुत उदास बहुत बेक़रार
हम भी हैं

ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
तुम रूठ के मत जाना, तुम रूठ के मत जाना
मुझसे क्या शिकवा दीवाना है दीवाना
मुझसे क्या शिकवा दीवाना है दीवाना
क्यों हो गया बेगाना, क्यों हो गया बेगाना
तेरा-मेरा क्या रिश्ता ये तूने नही जाना
तेरा-मेरा क्या रिश्ता ये तूने नही जाना

ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
मैं लाख हू बेगाना, मैं लाख हू बेगाना
फिर ये तड़प कैसी इतना तो बता जाना
फिर ये तड़प कैसी इतना तो बता जाना

फ़ुर्सत हो तो आ जाना
फ़ुर्सत हो तो आ जाना
अपने ही हाथो से मेरी दुनिया मिटा जाना
अपने ही हाथो से मेरी दुनिया मिटा जाना

तुम रूठ के मत जाना
तुम रूठ के मत जाना
मुझसे क्या शिकवा दीवाना है दीवाना
मुझसे क्या शिकवा दीवाना है दीवाना

Wissenswertes über das Lied Tum Rooth Ke Mat Jana von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Tum Rooth Ke Mat Jana” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Tum Rooth Ke Mat Jana” von Mohammed Rafi wurde von Qamar Jalalabadi, O P Nayyar komponiert.

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