Tumse Achha Kaun Hai

SHANKAR-JAIKISHAN, JAIPURI HASRAT, JAIKSHAN SHANKAR

कभी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है
कभी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है

अरे जिसने भी चीका हुमको
अनहोनी बात ये होगी
तुम जान हो दो आलम की
और जान हुमि पर डोगी
तुम जान हो दो आलम की
और जान हुमि पर डोगी
तुम जान हो दो आलम की
और जान हुमि पर डोगी
कभी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है

तू हुस्न की बहती गंगा
तक़दीर भी बन जाए
प्यासे के पास नदी भी
खुद प्यास भुजने आए
प्यासे के पास नदी भी
खुद प्यास भुजने आए
प्यासे के पास नदी भी
खुद प्यास भुजने आए
कभी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है

कब हुमको खबर थी आए दिल
रंगीन सहर भी होगी
जो आग है अपने दिल मे
वो आग उधर भी होगी
जो आग है अपने दिल मे
वो आग उधर भी होगी
जो आग है अपने दिल मे
वो आग उधर भी होगी
काबी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है
कभी हुँने नही सोचा था
ऐसा भी दिन आएगा
पानी मे आग लगेगी
पठार भी पिंगल जाएगा
देखो तुमसे अछा कौन है
देखो तुमसे अछा कौन है
देखो तुमसे अछा कौन है

Wissenswertes über das Lied Tumse Achha Kaun Hai von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Tumse Achha Kaun Hai” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Tumse Achha Kaun Hai” von Mohammed Rafi wurde von SHANKAR-JAIKISHAN, JAIPURI HASRAT, JAIKSHAN SHANKAR komponiert.

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