Woh Aur Zamana Tha

Husnalal-Bhagatram, Qamar Jalalabadi

बदला हुआ दुनिया में
उलफत का फसाना है
उलफत का फसाना है
वो और ज़माना था
ये और ज़माना है

बदला हुआ दुनिया में
उलफत का फसाना है
वो और ज़माना था
ये और ज़माना है

अब कैसे क्लब में है
सिर कैश था जंगल में
तब लैला थी महामिल में
अब लैला है होटेल में
अब लैला है होटेल में
तब आ थी होतो पे
अब होतो पे गाना है
तब आ थी होतो पे
अब होतो पे गाना है
वो और ज़माना था
ये और ज़माना है

फरहद भी अब बदले
कब नहर में गिरते है
पेशे की जगह हज़रत
राकेट लिए फिरते है
राकेट लिए फिरते है
राकेट नही शिरी से
मिलने का बहाना है
राकेट नही शिरी से
मिलने का बहाना है
वो और ज़माना था
ये और ज़माना है

कल हज़रते मजनू ने
लैला को ये खत लिखा
मैं कैसे मिलू लैला
पेट्रोल नही मिलता
पेट्रोल नही मिलता
अजी साहब क्या प्यार करे कोई
राशन का ज़माना है
क्या प्यार करे कोई
राशन का ज़माना है
वो और ज़माना था
ये और ज़माना है
बदला हुआ दुनिया में
उलफत का फसाना है
वो और ज़माना था
ये और ज़माना है.

Wissenswertes über das Lied Woh Aur Zamana Tha von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Woh Aur Zamana Tha” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Woh Aur Zamana Tha” von Mohammed Rafi wurde von Husnalal-Bhagatram, Qamar Jalalabadi komponiert.

Beliebteste Lieder von Mohammed Rafi

Andere Künstler von Religious