Woh Aurat Hai Jo Insanon Ki

Ravi, Shakeel Badayuni

वो औरत है जो इंसानों की
ऊँची शान करती है
जरुरत हो तो अपना प्यार भी कुबान करती है
अगर संसार में औरत न होती
तो इंसानों की ये इज्जत न होती
अगर संसार में औरत न होती
तो इंसानों की ये इज्जत न होती

जहा वाले ने दुनिया को रचा के
अनोखा मान दुनिया को दिया है
मगर औरत की हस्ती को बना के
खुद अपने नाम को उँचा नाम किया है
अगर औरत को वो पैदा न करता
मोहब्बत की कोई कीमत न होती
अगर संसार में औरत न होती
तो इंसानों की ये इज्जत न होती

कहीं माता का लेकर रूप उसने
बड़े ही प्यार से बच्चों को पाला
कहीं पत्नी का लेकर रूप उसने
किया है घर की दुनिया में उजाला
गृहस्थी है इसी के दम से वरना
घरों की ज़िंदगी जन्नत ना होती
अगर संसार में औरत ना होती
तो इंसानों की ये इज़्ज़त ना होती
अगर संसार में औरत ना होती
तो इंसानों की ये इज़्ज़त ना होती

Wissenswertes über das Lied Woh Aurat Hai Jo Insanon Ki von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Woh Aurat Hai Jo Insanon Ki” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Woh Aurat Hai Jo Insanon Ki” von Mohammed Rafi wurde von Ravi, Shakeel Badayuni komponiert.

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