Woh Sadgi Kahen Ise

Azmi Kaifi, Ghulam Mohammed

वो सादगी कहे इसे दीवानगी कहे
वो सादगी कहे इसे दीवानगी कहे
उन का बढ़ा जो हाथ यहाँ दिल लुटा दिया
उन का बढ़ा जो हाथ यहाँ दिल लुटा दिया

पहले पहल के दर्द की लज़्ज़त न पूछिए
पहले पहल के दर्द की लज़्ज़त न पूछिए
लज़्ज़त न पूछिए
उठी जो दिल में हूक तो मैं मुस्कुरा दिया
उठी जो दिल में हूक तो मैं मुस्कुरा दिया
उन का बढ़ा जो हाथ यहाँ दिल लुटा दिया
उन का बढ़ा जो हाथ यहाँ दिल लुटा दिया

ये कौन सोचता है के सजदा क़ुबूल हो
ये कौन सोचता है के सजदा क़ुबूल हो
सजदा क़ुबूल हो
ये कौन देखता है कहाँ सर झुका दिया
ये कौन देखता है कहाँ सर झुका दिया
उन का बढ़ा जो हाथ यहाँ दिल लुटा दिया
उन का बढ़ा जो हाथ यहाँ दिल लुटा दिया

आँचल की ओट हो के न हो अब नसीब में
आँचल की ओट हो के न हो अब नसीब में
अब नसीब में
मैंने चराग आज हवा में जला दिया
मैंने चराग आज हवा में जला दिया
उन का बढ़ा जो हाथ यहाँ दिल लुटा दिया
उन का बढ़ा जो हाथ यहाँ दिल लुटा दिया
वो सादगी कहे इसे दीवानगी कहे
वो सादगी कहे इसे दीवानगी कहे
उन का बढ़ा जो हाथ यहाँ दिल लुटा दिया
उन का बढ़ा जो हाथ यहाँ दिल लुटा दिया

Wissenswertes über das Lied Woh Sadgi Kahen Ise von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Woh Sadgi Kahen Ise” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Woh Sadgi Kahen Ise” von Mohammed Rafi wurde von Azmi Kaifi, Ghulam Mohammed komponiert.

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