Ya Kurban

Prem Dhawan, Salil Chowdhury

ओ या क़ुरबान
वो आँखे थी दिलबर की
या नरगिसे मस्ताना
देखे हुए उस बुत को
अब हो गया ज़माना

ओ सबा कहना मेरे दिलदार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को
ओ सबा कहना मेरे दिलदार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को

ओ सबा कहना मेरे दिलदार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को
ओ सबा कहना मेरे दिलदार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को
ओ सबा कहना

ओ ओ या क़ुरबान
देखेगे कब वो सूरत
जिस पे बहार सदके
ये दिल तो क्या है यारो
काबुल क़धार सदके
किस तरह भूले निगाहे यार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को
ओ सबा कहना मेरे दिलदार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को

ओ सबा कहना मेरे दिलदार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को
ओ सबा कहना मेरे दिलदार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को
औ शेर औ रज़िया

ओ ओ या क़ुरबान
कैसी है ये क़यामत
ओ तू ही बता खुदाया
जितना भुलाया उस को
उतना वो याद आया
क्या क़रार आए तेरे बीमार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को
ओ सबा कहना मेरे दिलदार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को

ओ सबा कहना मेरे दिलदार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को
ओ सबा कहना मेरे दिलदार को
दिल तड़पता है तेरे दीदार को
ओ सबा कहना मेरे दिलदार को

Wissenswertes über das Lied Ya Kurban von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Ya Kurban” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Ya Kurban” von Mohammed Rafi wurde von Prem Dhawan, Salil Chowdhury komponiert.

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