Yeh Hanste Huye And Jinhen Naaz Hai

S D Burman, Sahir Ludhianvi

हम्म हम्म हम्म हम्म
ये कूचे हम्म हम्म गर दिल कशी के
ये कूचे ये नीलाम घर दिल कशी के
ये लुटते हुए कारवां ज़िन्दगी के
कहाँ है कहाँ है मुहाफिज खुदी के
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ है
कहाँ है कहाँ है कहाँ है

ये पुरपेच गालिया ये बदनाम बाजार
ये गुमनाम राही ये सिक्कों की झनकार
ये इस्मत के सौदे ये सौदों पे तकरार
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ है
कहाँ है कहाँ है कहाँ है

ये सदियों से बेख़ौफ़ सहमी सी गलियाँ
ये मसली हुई अधखिली ज़र्द कलियाँ
ये बिकती हुई खोखली रंग रलियाँ
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ है
कहाँ है कहाँ है कहाँ है

वो उजले दरीचों में पायल की छन छन
थकी हारी सासो पे तबले की धन धन
वो उजले दरीचों में पायल की छन छन
थकी हारी सासो पे तबले की धन धन
ये बेरूह कमरों में खासी की ठन ठन
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ है
कहाँ है कहाँ है कहाँ है

Wissenswertes über das Lied Yeh Hanste Huye And Jinhen Naaz Hai von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Yeh Hanste Huye And Jinhen Naaz Hai” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Yeh Hanste Huye And Jinhen Naaz Hai” von Mohammed Rafi wurde von S D Burman, Sahir Ludhianvi komponiert.

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