Yeh Raat Bahut Rangeen Sahi

Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi

ये रात बहुत रंगीन सही
ये रात बहुत रंगीन सही
इस रात में गम का ज़हर भी है
नग्मों की खनक में उलझी हुई
फरियादों पुवा की लहर भी है
ये रात बहुत रंगीन सही
तुम रक्स करो मैं शेर पढूं
मतलब तो है कुछ ख़ैरात मिले
इस गांवों के बच्चों की खातिर
कुछ सिक्को की सौगात मिले
सिक्के तो करोड़ो दल गल कर
तस्साल से बाहर आती है
किन वारो में खो जाते है
किन पर्दो में छुप जाते है
ये ज़ुल्म नही तो फिर क्या है
पैसे से तो काले धंदे हो
और मुल्क की वारिस नस्लों की
तालीम की खातिर चंदे हो
अब कम नहीं चल सकने का
रहम और खैर आ किनारे से
इस देश के बच्चे अनपढ़ है
दौलत के गलत बटवारे से
बदले ये निजामे जरदारी
बदले ये निजामे जरदारी
कह दो ये शयासत डरो से
ये मसला हल होने का नही
कागज पे छपे एलानो से
ये मसला हल होने का नही
कागज पे छपे एलानो से
ये रात बहुत रंगीन सही
इस रात में गम का जहर भी है
ये रात बहुत रंगीन सही

Wissenswertes über das Lied Yeh Raat Bahut Rangeen Sahi von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Yeh Raat Bahut Rangeen Sahi” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Yeh Raat Bahut Rangeen Sahi” von Mohammed Rafi wurde von Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi komponiert.

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