Zamane Ki Ankhon Ne

S. H. BIHARI, ONKAR PRASAD NAYYAR

नफ़रत से जिन्हे तुम देखते हो
तुम मारते हो जिनको ठोकर
क्या उन पे गुज़रती है देखो
एक बार कभी घायल हो कर
ज़माने की आँखो ने देखा है यारो
ज़माने की आँखो ने देखा हैयारो
सदा अपनी दुनिया मे ऐसा नज़ारा
कभी उनको फुलो से पूजा है सबने
कभी उनको फुलो से पूजा है सबने
कभी जिनको लोगो ने

पत्थर से मारा

ज़माने की आँखो ने देखा है यारो

पिसे ना जहाँ तक पत्थर पे मेहंदी
किसी भी तरह रंग लाती नही है
हज़ारो जगा ठोकरे खा ना ले जब
कोई ज़िंदगी मुस्कुराती नही है
बिना खुद मरे किसको जन्नत मिली है
बिना खुद मरे किसको जन्नत मिली है
बिना दुख सहे किसने

जीवन सँवारा

ज़माने की आँखो ने देखा है यारो

भंवर से जो घबरा के पिछे हटे है
डुबो दी है मौजो ने उनकी ही नैया
डुबो दी है मौजो ने उनकी ही नैया
जो तूफान से टकरा के आगे बढ़े है
जो तूफान से टकरा के आगे बढ़े है
बिना कोई मांझी बिना ही खिवैया
कभी ना कभी तो कही ना कही पर
कभी ना कभी तो कही ना कही पर
हमेशा ही उनको

मिला है किनारा

ज़माने की आँखो ने देखा है यारो

यहाँ आदमी को सबक दोस्ती का
सिखाते हुए जो लहू मे नहाया
मसीहा बना और गाँधी बना वो
हज़ारो दिलो मे यहाँ घर बनाया
उन्ही की बनी है यहाँ यादगारे
उन्ही की बनी है यहाँ यादगारे
उन्ही का जहां में

चमका सितारा
ज़माने की आँखो ने देखा है यारो
सदा अपनी दुनिया मे ऐसा नज़ारा
कभी उनको फुलो से पूजा है सबने
कभी जिनको लोगो ने पत्थर से मारा
ज़माने की आँखो ने देखा है यारो

Wissenswertes über das Lied Zamane Ki Ankhon Ne von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Zamane Ki Ankhon Ne” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Zamane Ki Ankhon Ne” von Mohammed Rafi wurde von S. H. BIHARI, ONKAR PRASAD NAYYAR komponiert.

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