Zara Mudke To Dekh

Kulwant Jani

ओए, चाँद जी
ज़रा मुड़ के तो देख लो जाते-जाते
ओ, माँगूँ ना कोई ख़ैरात
माँगूँ ना कोई ख़ैरात, चाहूँ ना कोई सौगात
मेरी सुनती जा ना बात, कुडिये
जाते-जाते, हो, ज़रा जाते-जाते
ज़रा मुड़ के तो देख,कुडिये
जाते-जाते, ओ, ज़रा जाते-जाते

आज तक फूल मसले हैं लाखों, मगर
आज एक फूल पर दिल फ़िदा हो गया, दिल फ़िदा हो गया
मैं समझता रहा खेल जिस प्यार को
अब वही प्यार मेरा खुदा हो गया, खुदा हो गया
दिल्लगी छोड़ दी, जब से दिल को लगी
एक शम्मा बुझी, एक शम्मा जली
इसको सच मान ले, कुडिये
जाते-जाते ज़रा मुड़ के तो देख, कुडिये
जाते-जाते, ओ, ज़रा जाते-जाते

दिल के बदले अगर तूने दिल ना दिया
तेरी राहों में धूनी रमाऊँगा मैं, रमाऊँगा मैं
देख लेना सनम, इश्क़ के खेल में
एक दिन जान पर खेल जाऊँगा मैं, खेल जाऊँगा मैं
जब मोहब्बत का तुम को यक़ीं आएगा
लौट कर ये दीवाना नहीं आएगा
मुझ को पहचान ले, कुडिये
जाते-जाते ज़रा मुड़ के तो देख, कुडिये
जाते-जाते, ओ, ज़रा जाते-जाते
माँगूँ ना कोई ख़ैरात, चाहूँ ना कोई सौगात
मेरी सुनती जा ना बात, कुडिये
जाते-जाते, ओ, ज़रा जाते-जाते

Wissenswertes über das Lied Zara Mudke To Dekh von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Zara Mudke To Dekh” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Zara Mudke To Dekh” von Mohammed Rafi wurde von Kulwant Jani komponiert.

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